1) श्रीशैलेश दयापात्रम् धीभक्त्यादि गुणार्णवम् 
    यतीन्द्र प्रवणम् वन्दे रम्यजा मातरम मुनीम ||

2) लक्ष्मीनाथ समारम्भम् नाथयामुनि मध्यमाम् 
    अस्मदाचार्य पर्यन्ताम् वन्दे गुरू परम्पराम्  ||


3) यो नित्य मच्युत पदाम्बुज युग्म रुक्म 
    व्यामोहतः तद  इतराणि तृणाय मेने       
   अस्मतगुरोः भगवतोस्य दयैकसिन्धोः 
   रामानुजस्य चरणौ शरणम प्रपद्ये    || 

4) माता पिता युवतयः तनया विभूतिः 
   सर्वम् यदेव नियमेन मदनवायानाम  
   आद्यस्य नः कुलपतेः वकुलाभिरामम् 
   श्रीमत् अदंघ्रियुगलम् प्रणमामि मूर्ध्ना  ||

5) भूतम् , सरश्च महदहव्यः , भट्टनाथ ,
    श्री भक्तिसार , कुलशेखर , योगिवाहन ,
    भक्तांघ्रिरेणु , परकाल , यतीन्द्र , मिश्रााण ,
   श्रीमत् परांकुश मुनिम प्रणतोस्मि नित्यम्  ||